सावन का अद्भुत सोमवार इस वर्ष का सावन (श्रावण ) माह का प्रथम सोमवार प्रथम दिवस को पड़ता है। और हिन्दू पंचाग के अनुसार पंचम माह एवं वैदिक पंचाग के अनुसार कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को पड़ती है। सावन (श्रावण ) माह को वर्ष का सबसे पावन माह माना जाता। क्योंकि सावन (श्रावण ) माह भगवान शंकर (शिव जी) को सबसे प्रिय हैं। किवंदती के अनुसार सावन (श्रावण ) मास में भगवान शंकर (शिव जी) पृथ्वी पर सबसे पहले अपने ससुराल आये थे। जहां लाखों धरतीवासियों ने ढोल नगाड़े बजाते हुये उनका भव्य स्वागत किया था। इससे भगवान शिव जी बेहद प्रसन्न हुए थे। और भगवान शिव जी ने सभी लोगों को आशीर्वाद दिया था। इस पावन माह में भगवान शिव जी का पूजन एवं आराधना का विशेष महत्त्व है। सावन माह में सोमवार को पूजा अर्चना एवं अनुष्ठान आदि करने से मनोकामना की पूर्ति अवश्य होती हैं, ऐसा कहा जाता हैं। कहते है इस माह को भगवान शिव जी खुद धरती पर आते हैं। एवं अपने भक्तगणों को मंगलकामना का आशीर्वाद देते हैं। इसलिए भक्तगण अपने आराध्य देव को खुश करने के लिए, पूजा अर्चना,आरती, पाठ, करते हैं। तथा कावड़ यात्रा आदि विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान श्रद्धापूर्वक करते हैं।और भगवान शिव को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं।
पूजा एवं आरती :–
- सोमवार सुबह सर्वप्रथम स्नान अदि करके स्वच्छ कपड़े पहनकर।
- मंदिर में जाकर या फिर घर में ही स्वेच्छानुसार भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा करें।
- और दूध, जल , गंगाजल, दही, शहद और घी आदि से अभिषेक करे।
- और इस मौके पर अभिषेक करते समय “ॐ नमः शिवाय” / “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करते रहे।
- और हो सके सामर्थ्यानुसार तो रुद्राभिषेक कराये।तत्पश्चात बेल पत्र और धतूरा विशेष रूप से चढ़ाएं।
- बेल पत्र की सँख्या 3,5,7,9,11 आदि की सँख्या में होना चाहिए।
- और बेल पत्र कटे फटे या खण्डित नहीं होने चाहिये।
- और इसके बाद में आरती करें।
सावन सोमवार व्रत :-
- सावन के सोमवार का व्रत अपने आस्था के अनुसार फलाहारी अवं निर्जला दोनों प्रकार के होते हैं।
- फलाहारी व्रत में फलों एवं फलों के जूस का सेवन कर सकते हैं।
- दूध एवं साबुदाना के खीर और साबुदाना की खिचड़ी का सेवन कर सकते हैं।
- सूखे मेंवे जैसे काजू, बादाम, अख़रोट आदि एवं नारियल पानी का सेवन कर सकते हैं।
- इत्यादि …….
कांवड़ यात्रा:-
कांवड़ यात्रा आज दिन सोमवार (22 जुलाई) से प्रारंभ हो रहा है। जो हिंदू महीने श्रावण का पहला दिन और पहला सोमवार है। कांवड़ यात्रा शिव भक्तों की एक वार्षिक तीर्थयात्रा है, जिन्हें कांवड़िए नाम से जाना जाता है। हर वर्ष , शिव भक्त कांवड़िए भगवान शिव को चढ़ाने के लिए गंगाजल लाते हैं। इस दौरान शिव भक्त कांवड़ यात्री गंगाजल भगवान शिव को अर्पित करते हैं।
भारत में स्थित भगवान शिव के मुख्य ज्योतिर्लिंग मंदिर:-
भारत में भगवान शिव के बारह मुख्य ज्योतिर्लिंग मंदिर स्थित हैं जोकि इस प्रकार है –
- श्रीं सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर, सौराष्ट्र, गुजरात में स्थित.
- श्रीं मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर,श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश में स्थित.
- श्रीं महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर ,उज्जैन, मध्य प्रदेश में स्थित.
- श्रीं ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर , खंडवा, मध्य प्रदेश में स्थित.
- श्रीं बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर , देवघर, झारखंड में स्थित.
- श्रीं भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर, महाराष्ट्र में स्थित.
- श्रीं रामनाथस्वामी ज्योतिर्लिंग मंदिर, रामेश्वरम, तमिलनाडु में स्थित.
- श्रीं नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, द्वारका, गुजरात में स्थित.
- श्रीं काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थित.
- श्रीं त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, नासिक, महाराष्ट्र में स्थित.
- श्रीं केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर, रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड में स्थित.
- श्रीं घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, औरंगाबाद, महाराष्ट्र में स्थित.
**इस लेख में प्रस्तुत की गयी जानकारियाँ धार्मिक आस्था और धार्मिक मान्यता पर आधारित हैं। जिसे सिर्फ सामान्य जानकारी को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है। हर क्षेत्र / राज्य की पूजन एवं अनुष्ठान की विधियाँ एवं मान्यताएं अलग-अलग हो सकती हैं।