Site icon toponetimes

सावन का अद्भुत सोमवार और महादेव के व्रत एवं पूजन का महत्व

सावन का अद्भुत सोमवार
Image by-YouTube.com

सावन का अद्भुत सोमवार इस वर्ष का सावन  (श्रावण ) माह का प्रथम सोमवार प्रथम दिवस को पड़ता है।  और हिन्दू पंचाग के अनुसार पंचम माह एवं वैदिक पंचाग के अनुसार कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को पड़ती है।  सावन (श्रावण ) माह को वर्ष का सबसे पावन माह माना जाता।  क्योंकि सावन (श्रावण ) माह भगवान शंकर (शिव जी) को सबसे प्रिय हैं।  किवंदती के अनुसार सावन (श्रावण ) मास में भगवान शंकर (शिव जी) पृथ्वी पर सबसे पहले अपने ससुराल आये थे।  जहां लाखों धरतीवासियों ने ढोल नगाड़े बजाते हुये उनका भव्य स्वागत किया था।  इससे भगवान शिव जी बेहद प्रसन्न हुए थे।  और भगवान शिव जी ने सभी लोगों को आशीर्वाद दिया था। इस पावन माह में भगवान शिव जी का पूजन एवं आराधना का विशेष महत्त्व है।  सावन माह में सोमवार को पूजा अर्चना एवं अनुष्ठान आदि करने से मनोकामना की पूर्ति अवश्य होती हैं,  ऐसा कहा जाता हैं।  कहते है इस माह को भगवान शिव जी खुद धरती पर आते हैं।  एवं अपने भक्तगणों को मंगलकामना का आशीर्वाद देते हैं।   इसलिए भक्तगण अपने आराध्य देव को खुश करने के लिए,  पूजा अर्चना,आरती, पाठ, करते हैं।  तथा  कावड़ यात्रा आदि विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान श्रद्धापूर्वक करते हैं।और भगवान शिव को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं।

पूजा एवं आरती :

सावन सोमवार व्रत :-

कांवड़ यात्रा:-

कांवड़ यात्रा आज दिन सोमवार (22 जुलाई) से  प्रारंभ हो रहा है। जो हिंदू महीने श्रावण का पहला दिन और पहला सोमवार है।  कांवड़ यात्रा शिव भक्तों की एक वार्षिक तीर्थयात्रा है, जिन्हें  कांवड़िए नाम से जाना जाता है। हर वर्ष , शिव भक्त कांवड़िए भगवान शिव को चढ़ाने के लिए गंगाजल लाते हैं।  इस दौरान शिव भक्त कांवड़ यात्री गंगाजल भगवान शिव को अर्पित करते हैं।

भारत में स्थित भगवान शिव के मुख्य ज्योतिर्लिंग मंदिर:-

Image by YouTube.com

भारत में भगवान शिव के बारह मुख्य ज्योतिर्लिंग मंदिर स्थित हैं जोकि इस प्रकार है –

**इस लेख में प्रस्तुत की गयी जानकारियाँ धार्मिक आस्था और धार्मिक मान्यता पर आधारित हैं। जिसे सिर्फ सामान्य जानकारी को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है। हर क्षेत्र / राज्य की पूजन एवं अनुष्ठान की विधियाँ एवं मान्यताएं अलग-अलग हो सकती हैं।

Exit mobile version